मलकापुर नगरपरिषद चुनाव: शुरू हुई वार्डबाज़ी की जंग! नई प्रभाग रचना पर सरकार का बड़ा कदम"

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Malkapur Today News मुख्य संपादक
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मलकापुर टुडे न्यूज़ डेस्क), 11 जून 2025


मलकापुर टुडे न्यूज़ डेस्क), 11 जून 2025

मलकापुर नगरपरिषद चुनाव का बिगुल अब बस बजने ही वाला है! महाराष्ट्र सरकार ने कल एक बड़ा प्रशासनिक आदेश जारी करते हुए मलकापुर सहित राज्य भर की नगरपरिषदों और नगरपंचायतों में नई प्रभाग रचना (वार्ड डिलिमिटेशन) की प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी है।

नगर विकास विभाग की ओर से 10 जून को जारी आदेश के अनुसार, अब मलकापुर में वार्डों की सीमाएं फिर से खींची जाएंगी और यह काम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होगा। चुनाव अब नए नक्शों के अनुसार कराए जाएंगे।


क्या बदलेगा? कौन जीतेगा? कौन हारेगा?

यह सिर्फ तकनीकी प्रक्रिया नहीं है — यह चुनावी राजनीति का असली खेल है! नई प्रभाग रचना का मतलब है:

👉 पुराने दिग्गजों का क्षेत्र बदल सकता है।
👉 नई आरक्षण व्यवस्था से सत्ता समीकरण उलट सकते हैं।
👉 जातिगत गणित और विकास की मांगें नए केंद्र में होंगी।

सरकार के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार मानी जाएगी। यानी पिछले 14 सालों में जो विकास या विस्तार हुआ है, उसे इस गणना में शामिल नहीं किया जाएगा।


🏛️ क्यों पड़ा ये आदेश?

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई 2025 को स्पष्ट आदेश दिया कि स्थानीय निकायों के चुनाव समय पर कराना अनिवार्य है। इसी के चलते सरकार ने यह कदम उठाया। अब मलकापुर समेत सभी नगरपरिषदों में तीन चरणों में चुनावी प्रक्रिया चलेगी:

  1. प्रभाग रचना (वार्ड सीमाएं तय करना)

  2. मतदाता सूची का वार्डवार विभाजन

  3. आख़िरकार, चुनाव!


🗺️ Google Map से तय होंगी वार्ड की सीमाएं

प्रभाग की सीमाएं तय करने में अब तकनीक की भी भूमिका होगी। Google Earth की मदद से हर वार्ड की डिजिटल सीमाएं, आबादी, जातिगत आंकड़े, सार्वजनिक संसाधनों की उपलब्धता आदि को देखकर नक्शे बनाए जाएंगे।

हर वार्ड को 2 से 3 सदस्य तक चुनने का अधिकार होगा। नगरपंचायतों में 17 सिंगल मेंबर वार्ड होंगे।


📣 जनता की राय होगी शामिल

यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी। जब प्रारूप तैयार हो जाएगा, तब जनता को उसकी जानकारी दी जाएगी और आपत्ति-सुझाव मांगे जाएंगे। यानी अगर किसी वार्ड की सीमा से कोई नागरिक असहमत है, तो वह अपनी बात रख सकेगा।


🔒 गोपनीयता की शपथ और चुनावी साजिशों पर लगाम

शासन ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जब तक प्रारूप सार्वजनिक न हो, तब तक यह पूरी प्रक्रिया गोपनीय रहेगी। किसी भी राजनीतिक दबाव या मीडिया लीकेज पर सीधी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।


🔚 अब आगे क्या?

अब मलकापुर नगरपरिषद के मुख्याधिकारी, जिलाधिकारी और नगर रचना अभियंता मिलकर अगले कुछ हफ्तों में यह रचना करेंगे। माना जा रहा है कि अगले 60 से 90 दिनों में प्रभाग तय हो जाएंगे, और उसके तुरंत बाद चुनावों की घोषणा होगी।


📢 मलकापुर टुडे न्यूज़ का विश्लेषण:

मलकापुर की राजनीति में यह आदेश एक तूफान की तरह आया है। पुराने नेताओं के वर्चस्व को झटका लग सकता है और नए चेहरे मैदान में उतर सकते हैं। नई सीमाएं, नया आरक्षण और बदले हुए समीकरणों के साथ अब राजनीति का गणित बदलने वाला है

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