नई दिल्ली: लोकसभा ने बुधवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को मंजूरी दे दी। इस विधेयक के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े। इसके साथ ही, मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 भी पारित किया गया, जिसने 1923 के मुसलमान वक्फ अधिनियम को समाप्त कर दिया।
इस बिल को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच 12 घंटे लंबी बहस चली। विपक्ष ने इसे "असंवैधानिक" करार देते हुए इसका कड़ा विरोध किया।
विपक्ष ने क्या कहा?
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, "यह विधेयक संविधान के मूल प्रावधानों का उल्लंघन करता है। इंडिया गठबंधन ने इसे खारिज करने का सामूहिक निर्णय लिया है।"
डीएमके सांसद ए. राजा ने इसे "अल्पसंख्यक विरोधी और असंवैधानिक" बताया और कहा कि इससे मुस्लिम समुदाय को नुकसान होगा।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "यह कानून भाजपा के वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है और इससे देश की धर्मनिरपेक्ष छवि को ठेस पहुंचेगी।" उन्होंने इसे चीन के "भूमि कब्जे" से ध्यान भटकाने का प्रयास भी बताया।
समाजवादी पार्टी की सांसद इक़रा हसन ने कहा कि यह विधेयक "मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है।"
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि "1995 के वक्फ अधिनियम में मुकदमेबाजी की कोई गुंजाइश नहीं थी, लेकिन इस संशोधन से अतिक्रमणकारियों को वक्फ संपत्तियों पर दावा करने का अवसर मिल जाएगा।"
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इसे संविधान पर "4D हमला" करार दिया – "संविधान को कमजोर करना, अल्पसंख्यकों के अधिकार छीनना, भारतीय समाज को बांटना और लोकतंत्र को कमजोर करना।"
सरकार का बचाव
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष वक्फ बिल को लेकर झूठ फैला रहा है। उन्होंने कहा, "अगर 2013 में यूपीए सरकार ने जल्दबाजी में यह कानून न बनाया होता, तो आज यह संशोधन जरूरी नहीं होता।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि "इस कानून का मकसद मुस्लिम धार्मिक गतिविधियों या संपत्तियों में हस्तक्षेप करना नहीं है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का गलत इस्तेमाल हुआ है और कई जगहों पर इनका अवैध रूप से सौदा किया गया है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक में "संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की सिफारिशों को शामिल किया गया है।" उन्होंने इसे UMMEED (Unified Waqf Management Empowerment, Efficiency and Development) बिल बताते हुए कहा कि इससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
सोनिया गांधी और राहुल गांधी का रुख
सोनिया गांधी ने वक्फ संशोधन बिल को "संविधान पर खुला हमला" करार दिया और भाजपा पर "समाज में स्थायी ध्रुवीकरण" करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि "इस बिल को लोकसभा में बिना समुचित चर्चा के पारित किया गया।"
राहुल गांधी ने लोकसभा में इस पर भाषण नहीं दिया, लेकिन सोशल मीडिया पर लिखा, "यह विधेयक मुस्लिमों को हाशिए पर डालने और उनकी संपत्तियों को छीनने का उपकरण है। यह संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन करता है।"
विधेयक का आगे का सफर
वक्फ (संशोधन) विधेयक अब राज्यसभा में पेश किया गया है, जहाँ इस पर चर्चा जारी है।
निष्कर्ष
वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 को लेकर राजनीतिक दलों में गहरी खाई बन गई है। विपक्ष इसे मुस्लिम विरोधी बता रहा है, तो सरकार इसे सुधारात्मक कदम कह रही है। अब देखना यह होगा कि राज्यसभा में इस बिल का क्या भविष्य होता है।


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