मलकापुर में अवैध शराब बिक्री चरम पर, अब घरों में भी चल रहा नशे का गोरखधंधा

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Malkapur Today News मुख्य संपादक
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मलकापुर में अवैध शराब बिक्री चरम पर, अब घरों में भी चल रहा नशे का गोरखधंधा

मलकापुर: शहर में शराबखोरी की बढ़ती प्रवृत्ति अब एक गंभीर सामाजिक संकट बन चुकी है। ढाबों, पानटपरी और चिकन सेंटरों के बाद अब कुछ घरों में भी अवैध रूप से शराब बेचे जाने की जानकारी सामने आई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि रमजान के पवित्र महीने में भी यह गोरखधंधा बेधड़क जारी है। स्थानीय नागरिकों और धार्मिक संगठनों ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

अवैध शराब बिक्री का नया अड्डा बने घर, प्रशासन की नाकामी उजागर

सूत्रों के मुताबिक, मलकापुर के कुछ इलाकों में घरों से शराब बेची जा रही है, ताकि पुलिस और प्रशासन की नजरों से बचा जा सके। पहले यह कारोबार ढाबों और होटलों तक सीमित था, लेकिन अब इसे गली-मोहल्लों में फैलाया जा रहा है। इस कारण युवा और नाबालिग भी आसानी से शराब की पहुंच में आ रहे हैं, जिससे समाज पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि कई घरों में चोरी-छिपे शराब की बिक्री हो रही है, जहां ग्राहक गुप्त रूप से आते हैं और नशे का सामान लेकर चले जाते हैं। यह स्थिति केवल सामाजिक मूल्यों को ही नहीं तोड़ रही, बल्कि कानूनी रूप से भी गंभीर अपराध है।

रमजान के महीने में भी नहीं रुक रही शराबखोरी, बढ़ रही सामाजिक चिंता

रमजान का महीना इबादत, संयम और आत्मशुद्धि का समय होता है, लेकिन मलकापुर में इस दौरान भी नशाखोरी और शराब की बिक्री बदस्तूर जारी है। धार्मिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे बेहद चिंताजनक बताया है। उनका कहना है कि अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाना प्रशासन की जिम्मेदारी है, लेकिन संबंधित विभाग आंखें मूंदे बैठा है।

गुंडागर्दी और अपराधों में इजाफा, महिलाओं में बढ़ रही असुरक्षा

अवैध शराब बिक्री के कारण क्षेत्र में अपराधिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी हो रही है। शराब के नशे में धुत्त लोग सार्वजनिक स्थलों पर हंगामा कर रहे हैं, जिससे महिलाओं और आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि इस समस्या को जल्द ही नहीं रोका गया, तो समाज में अपराध दर और बढ़ जाएगी।

स्थानीय लोगों की मांग – हो सख्त कार्रवाई

नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि –

  1. घर से शराब बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
  2. रमजान के दौरान अवैध शराब बिक्री पर विशेष अभियान चलाया जाए।
  3. शहर के हर क्षेत्र में पुलिस गश्त बढ़ाई जाए।
  4. शराब माफियाओं के खिलाफ कठोर कानून लागू किए जाएं।

प्रशासन की परीक्षा – क्या होगी ठोस कार्रवाई?

अब यह देखना होगा कि क्या पुलिस और राज्य उत्पादन शुल्क विभाग इस अवैध शराब बिक्री पर नकेल कसते हैं या फिर यह गोरखधंधा यूं ही चलता रहेगा? क्या प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाएगा या फिर अवैध शराब माफियाओं के दबाव में मूकदर्शक बना रहेगा?

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

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