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महाराष्ट्र की ‘लाडकी बहन योजना’ : सरकार की जांच के बाद एक महीने में 5 लाख लाभार्थी कम हुए – रिपोर्ट
महाराष्ट्र सरकार की प्रमुख योजना मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहन योजना के कुल लाभार्थियों की संख्या एक महीने में 5 लाख घट गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह गिरावट सरकारी जांच के बाद दर्ज की गई है।
5 लाख लाभार्थी हुए कम
अधिकारियों के अनुसार, दिसंबर 2024 में इस योजना के तहत 2.46 करोड़ महिलाओं को हर महीने ₹1,500 की सहायता राशि मिल रही थी। लेकिन जनवरी 2025 में यह संख्या घटकर 2.41 करोड़ रह गई।
कम होने की मुख्य वजहें
TOI रिपोर्ट के मुताबिक, इस गिरावट के पीछे प्रमुख कारण यह हैं:
आयु सीमा का उल्लंघन – 65 वर्ष से अधिक आयु की करीब 1.5 लाख महिलाओं को लाभार्थी सूची से हटा दिया गया, क्योंकि वे योजना की पात्रता सीमा से बाहर थीं।
संजय गांधी निराधार योजना के लाभार्थी हटाए गए – इस योजना के तहत पहले से ₹1,500 प्रति माह प्राप्त कर रही लगभग 2 लाख महिलाओं को ‘लाडकी बहन योजना’ से बाहर कर दिया गया।
संजय गांधी निराधार योजना का लाभ विधवाओं, विकलांगों, गंभीर रोगियों, बेसहारा और तलाकशुदा महिलाओं को मिलता है।
अन्य योजनाओं पर भी असर
सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का असर राज्य की अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर भी पड़ा है।
मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day Meal Scheme) – सरकारी स्कूलों के बच्चों को दिए जाने वाले अंडे की आपूर्ति बंद कर दी गई है।
राज्य ने पहले इसके लिए ₹50 करोड़ का बजट निर्धारित किया था।
अब स्कूलों को अंडे वितरित करने के लिए जनता से दान मांगने के निर्देश दिए गए हैं।
यह योजना नवंबर 2023 में छात्रों में प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिए शुरू की गई थी।
चुनावी रणनीति से प्रेरित योजना
‘लाडकी बहन योजना’ को मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना की तर्ज पर लागू किया गया था।
बीजेपी सरकार ने इसे चुनावी लाभ के लिए शुरू किया था।
अब राज्य सरकार ने गैर-योग्य लाभार्थियों की पहचान के लिए जिला अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
जांच के सख्त नियम
सरकार अब यह जाँच कर रही है कि लाभार्थी योजना की पात्रता शर्तों को पूरा कर रहे हैं या नहीं।
✅ पात्रता मापदंड:
वार्षिक परिवार की आय ₹2.5 लाख से अधिक न हो।
लाभार्थी महिला महाराष्ट्र की स्थायी निवासी हो।
आधार कार्ड और बैंक खाते में नाम का मिलान सही हो।
जिनके पास फोर-व्हीलर वाहन है या सरकारी नौकरी है, वे योजना के लिए अयोग्य होंगे।
निष्कर्ष
सरकार की सख्त जांच प्रक्रिया के कारण 5 लाख लाभार्थी इस योजना से बाहर हो चुके हैं। आने वाले समय में अयोग्य लाभार्थियों की और छंटनी हो सकती है।
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