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| शहादत ए हुसैन का मज़ाक़ मत बनाओ इस्लाम को बदनाम मत करो : मुफ़्ती हारून नदवी |
मुहररम का महीना बड़ी अज़मत वाला है, आशुरा के दिन की बड़ी अहमियत है, नबी ए करीम (स) ने अपने सहाबा के साथ रोज़े रखे हैं, 10 मुहर्रम को अल्लाह ने अपनी शान अज़मत और किबरियाई के नमूने दिखाए हैं, ये बड़ी अज़मत वाला महीना और दिन है, मगर उम्मत ने अपनी नजाएज़ हरकतों से इस महीने और इस दिन को ग़लत अंदाज़ में पेश किया, जो इस्लाम में नहीं है वो पेश किया, हिन्दू भाई भी इसी को इस्लाम समझने लगे जो उम्मत के जाहिलों को रोड पर करते हुए देख रहे हैं, ये नाच गाना ये ढ़ोल ताशे ये सवारी ये ताज़िये ये औरतों और मर्दों के मेले ठेले, ये बेपरदगी, ये तमाशा ये सब अल्लाह रसूल इस्लाम के खिलाफ काम हैं, ये सब यज़ीदियों के काम हैं हुसैनियों के नहीं, हुसैन और उनके खानदान ने ने मैदान ए जंग में भी सजदा नमाज़ नहीं छोड़ा और ये नचनये गंजेटी मस्जिद के पास से गुज़रेंगे और नमाज़ नहीं पढ़ेंगे ये हुसैन से मोहब्बत नहीं.. ये जाहिल इस्लाम का और शहादत ए हुसैन का मज़ाक़ बना रहे हैं, इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं.. 10 मोहर्रम को रोज़े रखो और हुज़ूर ने फरमाया 2 रोज़े रखो.. 9-10- या 10-11 इस तरह 2 रोज़े रखो, हुसैन की शहादत के मकसद को समझो, वो एक बड़ा पैगाम दे गए हैं, उन्होंने समझा दिया अपनी शहादत से कि किसी भी हाल में ज़ालिम का समर्थन मत करना, जंग के हालात में भी अल्लाह के फर्ज़ को पूरा करना, नमाज़ ना छोड़ना, ज़ुल्म और ज़ालिम के साथ कभी ना खड़े होना, शहीद होजाना मगर ज़ालिम की बेयत हिमायत ना करना, इस्लाम दीन की बक़ा के लिये खानदान को भी अल्लाह के लिये क़ुरबान करदेना, इस्लाम ईमान के झंडे को हमेशा बुलंद रखना, ज़ालिम के सामने किसी हाल ना झुकना, यही इस्लाम का क़ुरआन का नबी का और हज़रत हुसैन और उनकी खानदान की शहादत का पैगाम है.. अल्लाह के वासते अपनी जिहालत नादानी और खुराफात से हज़रत हुसैन की क़ुरबानी शहादत और इस्लाम को बदनाम ना करो, रोड पर जो हरकतें मोहररम के महीने में करते हो यही देख कर हिन्दू भाई कन्फूज़ होते हैं कि इनमे और हम में यानी कुफर और इस्लाम में कोई फरक नहीं, हम अपने तहवारों में जो नाच गाने ढ़ोल ताशे धूम मस्ती शिर्क परसती करते हैं वैसा ही ये भी कर रहे हैं, क्या फरक है इस्लाम और कुफर में, इन में और हम में? मेरे भाइयो.. अपनी हरकतों से हुसैन की शहादत को मज़ाक़ मत बनाओ, अल्लाह हम सबको सही समझ सही दीन नसीब करें.. आमीन.. ऐसे बहोत ही अहम ख्यालात जमीयत उलामा के जलगांव ज़िला के अध्यक्ष हज़रत मुफ़्ती हारून नदवी ने मिल्लत मस्जिद मेहरून जलगांव में अपने बयान में पेश किया और औरतों से भी कहा कि घरों में किसी भी किसम की गैर शरई गैर इस्लामी हरकत ना करें, अपने घरों को क़ुरआन की तिलावत और नमाज़ों से आबाद करें, यही नबी के नवासो की शहादत का पैगाम है..

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