ओवैसी का बड़ा बयान 65 साल की उम्र वाले लोग मस्जिद में ना जाए नमाज कोओवैसी का बड़ा बयान 65 साल की उम्र वाले लोग मस्जिद में ना जाए नमाज को घर में अदा करे नमाज
ओवैसी ने अपने बयान में साफ कहा है कि 65 साल की उम्र वाले लोगों को मस्जिद में जाने से बचना चाहिए इनमें यूनिटी सिस्टम कम होने की वजह से बीमारी का खतरा ज्यादा होता है.
मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन AIMIM के अध्यक्ष सांसद ओवैसी ने अपने बयान में कहा कि नौजवानों को मस्जिद आबाद करनी चाहिए जो नौजवान अभी तक मस्जिद नहीं जाते थे उन्हें मस्जिद में जाकर खुदा को राजी करना चाहिए और मस्जिद को आबाद करना चाहिए
मस्जिद में बिछी कारपेट या चटाई से फैल सकता है कोरोना वायरस जैसा कि हम सब जानते हैं कि मस्जिद में नमाज के लिए चटाई या कारपेट का वीजा होना आम बात है.
असदुद्दीन ओवैसी ने मस्जिद में बिजी चटाई और कालीन को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर मस्जिद में चटाई या कारपेट बिछा हुआ है तो उसे फौरन हटा दें और नीचे फर्श पर नमाज़ पढ़े
ओवैसी ने कहा है कि बड़े-बड़े रिसर्च के टीमों ने यह दावा किया है कि चटाई या कालीन में जरा सिम हो सकते हैं जिससे कोरोना वायरस का खतरा बढ़ जाता है इसीलिए नीचे फर्श पर नमाज पढ़ने से पुरुषों का खतरा कम हो सकता है इसीलिए मुसलमानों से खास अपील करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने अपने बयान में कहा है कि नीचे फर्श पर नमाज़ पढ़े.
किसी ने कहा है कि जहां-जहां मसाजिद खोले गए हैं चाहे वह मक्का मदीना हो हरम शरीफ हो या टर्की हो वहां पर हमेशा की तरह कंधे से कंधा मिलाकर नमाज नहीं पढ़ी जा रही है बल्कि social distance का ख्याल रखा जा रहा है
ओवैसी ने कहा है क्या उलेमा को यह फैसला नहीं देना चाहिए कि सब बंदी करके सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाए.असदुद्दीन ओवैसी ने तमाम मुल्क भर के उलेमाओं से यह गुजारिश की है कि इस पर फैसला करें.
ओवैसी ने कहा है कि मैं किसी को नहीं कह रहा हूं कि नमाज को मत जाइए.बल्कि मैं तो यह कहना चाहता हूं कि वायरस बढ़ रहा है और हमारे जो 65 साल की उम्र वाले लोग हैं जिन्हें और कई मुख्तलिफ बीमारियां है उन्हें ज्यादा खतरा होता है इसीलिए मैं उनसे घर पर ही नमाज पढ़ने की अपील कर रहा हूं.

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